इंडिया आईटीएमई सोसाइटी ने मुंबई में बहुसांस्कृतिक सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया

यह केंद्र सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कॉर्पोरेट इवेंट की मेजबानी के लिए उपलब्ध होगा. यह बहुसांस्कृतिक केंद्र, आईटीएमई की सभी पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ आने और उन्हें अपनी परंपराओं, कहानियों और अनुभवों को साझा करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बनेगा.

Apr 11, 2024 - 13:08
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इंडिया आईटीएमई सोसाइटी ने मुंबई में बहुसांस्कृतिक सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया
इंडिया आईटीएमई सोसाइटी ने मुंबई में बहुसांस्कृतिक सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया
मुंबई  : गैर-लाभकारी संगठन इंडिया इंटरनेशनल टेक्सटाइल मशीनरी एग्जिबिशन सोसाइटी (इंडिया आईटीएमई सोसाइटी) ने अपने बहुसांस्कृतिक सुविधा केंद्र के शुभारंभ की घोषणा की है। यह केंद्र सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कॉर्पोरेट इवेंट की मेजबानी के लिए उपलब्ध होगा. यह बहुसांस्कृतिक केंद्र, आईटीएमई की सभी पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ आने और उन्हें अपनी परंपराओं, कहानियों और अनुभवों को साझा करने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बनेगा. इस दिशा में यह कदम एक मील का पत्थर है. सांस्कृतिक विविधताओं और गतिविधियों के सेंटर के रूप में, यह केंद्र 'मल्टी—कल्चरलिज़्म' को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों और पहलों के लिए एक जीवंत स्थान के रूप में कार्य करेगा.
इस कार्यक्रम में मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री  स्मिता जयकर, उनके साथ मिस्टर इंडिया इंटरनेशनल 2017  दारा सिंह खुराना और स्टैंड-अप कॉमेडियन  रोहन गुजराल शामिल हुए।
 
इस अवसर पर आईटीएमई की कार्यकारी निदेशक  सीमा श्रीवास्तव ने कहा, "हम सांस्कृतिक और व्यावसायिक आयोजनों के लिए अपने परिसर के दरवाजे समुदाय, व्यक्तियों और संगठनों के लिए हमेशा खुले रखेंगे. उनका स्वागत करने के लिए हम रोमांचित हैं. हमारा मानना है कि सांस्कृतिक और व्यावसायिक दोनों तरह के समारोहों के लिए एक गतिशील स्थल उपलब्ध कराके, हम अपने स्थानीय समुदाय को और समृद्ध बनाने में योगदान कर सकते हैं. इसके माध्यम से हम विभिन्न समूहों के लोगों के बीच एक सार्थक संबंध स्थापित कर सकते हैं।"
अत्याधुनिक सुविधाओं और मन​माफिक लेआउट की सुविधा से सुसज्जित यह आईटीएमई परिसर आयोजनकर्ताओं और उपस्थित लोगों को निश्चित रूप से एक सहज अनुभव देता है। 
 
इस अवसर पर मशहूर अभिनेत्री  स्मिता जयकर ने कहा, "आईटीएमई केंद्र दक्षिण मुंबई में एक अलग ही चमक लेकर लाएगा. यह केंद्र, मुंबई के इस गतिशील हिस्से में कला, संस्कृति, नाट्य प्रदर्शन, कार्यशालाओं, पुस्तक विमोचन के साथ ही ढेर सारे दूसरे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए बेहतर माहौल तैयार करेगा।"
कार्यक्रम के दौरान  गोपीनाथ चंद्र दास, लेखक "द पावर ऑफ कर्म योग", डॉ शीफाली बत्रा, लेखिका "व्हाई डू आई फील सो सैड?" और  मुक्ता वानखेड़े, लेखिका "इट्स गोइंग टू बी ओके" ने अपनी पुस्तकों का प्रदर्शन किया।