'आर2आर' सोशल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाला भारत का पहला एनजीओ बना

सोशल स्टॉक एक्सचेंज का उद्देश्य यह है कि जो भी सामाजिक संस्था एवं एनजीओ है वह पारदर्शी तरीके से धन एकत्रित करें और एक जिम्मेदारी से निवेश प्राप्त करें। ताकि समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन की नींव रखी जाए। 

Fri, 05 Apr 2024 03:05 PM (IST)
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'आर2आर' सोशल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाला भारत का पहला एनजीओ बना
'आर2आर' सोशल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाला भारत का पहला एनजीओ बना
मुंबई  : आर2आर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सांस्कृतिक शिक्षा और आपदा पुनर्प्राप्ति के कार्यो में सक्रिय है। इतना ही नहीं, आर2आर पहला सोशल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाला एनजीओ है। यह उपलब्धि इसलिए बहुत ही महत्वपूर्ण है की इसके चलते स्वच्छ धन और पारदर्शी निवेश प्रथाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। 
 
सोशल स्टॉक एक्सचेंज का उद्देश्य यह है कि जो भी सामाजिक संस्था एवं एनजीओ है वह पारदर्शी तरीके से धन एकत्रित करें और एक जिम्मेदारी से निवेश प्राप्त करें। ताकि समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन की नींव रखी जाए। 
 
इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित अतिथियों की भी उपस्थिति देखी गई, जिनमें प्रसिद्ध अभिनेत्री जूही चावला, सितारवादक और बॉलीवुड संगीत निर्देशक असद खान, ग्रैमी पुरस्कार विजेता और बांसुरीवादक राकेश चौरसिया, गायक और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता जावेद अली, संगीत निर्देशक एहसान नूरानी, बॉलीवुड गायिका और पद्म श्री पुरस्कार विजेता अनुराधा पौडवाल, गायक और पद्म विभूषण एस.पी. बालासुब्रमण्यम, "कश्मीर फाइल्स" के फिल्म निर्देशक सुदीप्तो सेन और बॉलीवुड संगीत निर्देशक जोई बरुआ। इसके अतिरिक्त, एनएसई के एमडी,  नाबार्ड और सेबी के प्रतिनिधियों सहित प्रमुख संगठनों के गणमान्य व्यक्तियों नें इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाइ।
इस पहल के बारे में, आर2आर के संस्थापक, श्री राकेश गुप्ता ने कहा, “सोशल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होना कला और संस्कृति के माध्यम से सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने की दिशा में हमारी यात्रा में एक नए अध्याय का प्रतीक है। हम निवेशकों द्वारा मिले समर्थन और उत्साह से रोमांचित हैं और समाज की भलाई के लिए अपने प्रभाव को अधिकतम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।''
 
इस पहल का मुख्य उद्देश्य दो महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पुनर्वास करने का हैं, जिन्होंने हाल ही में बाढ़ और भूस्खलन के विनाशकारी प्रभाव को सहन किया है। जुटाई गई धनराशि को आवश्यक शैक्षिक बुनियादी ढांचे के कार्यान्वयन के लिए इस्तेमाल की जायेगी, जिसमें सांस्कृतिक डिजिटल इंटरैक्टिव कार्यक्रम का एकीकरण और के 12 शैक्षिक ई-पुस्तकों का वितरण शामिल है। इन राज्यों के सभी 25 जिलों में फैले सौ स्कूलों में कार्यान्वयन किया जाएगा, जिससे कई छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक संसाधनों तक पहुंच प्रदान करके लाभान्वित किया जाएगा।