नेपाल में नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से सम्मानित होंगे अहमदाबाद के गौरांग मिश्रा

सेव ह्यूमैनिटी ट्रस्ट द्वारा नेपाल में नेल्सन मंडेला अंतरराष्ट्रीय गौरव पुरस्कार 2023 का आयोजन किया जाएगा। जिसमें भारत देश में नेपाल देश में रहने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों को आमंत्रित कर देश के प्रति सेवा भाव से कार्य कर रहे हैं व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। जिसमें गौरांग मिश्रा जोकि आर्यावर्त द लाइफ सेवर्स के नाम […]

Wed, 28 Jun 2023 03:16 PM (IST)
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नेपाल में नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से सम्मानित होंगे अहमदाबाद के गौरांग मिश्रा
नेपाल में नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से सम्मानित होंगे अहमदाबाद के गौरांग मिश्रा
सेव ह्यूमैनिटी ट्रस्ट द्वारा नेपाल में नेल्सन मंडेला अंतरराष्ट्रीय गौरव पुरस्कार 2023 का आयोजन किया जाएगा। जिसमें भारत देश में नेपाल देश में रहने वाले प्रतिष्ठित व्यक्तियों को आमंत्रित कर देश के प्रति सेवा भाव से कार्य कर रहे हैं व्यक्तियों को सम्मानित किया जाएगा। जिसमें गौरांग मिश्रा जोकि आर्यावर्त द लाइफ सेवर्स के नाम से अपना संस्था चलाते हैं और उसमें समाज में व्यक्तियों को भरपूर मदद करने की कोशिश करते हैं।
गुजरात में अहमदाबाद में पिछले 13 वर्षो से समाजसेवा का कार्य कर रहे हैं। आर्यावर्त की स्थापना सन् 2010 में की गई थी। सन् 2010 में गौरांग मिश्रा NCC में थे तब वहां एयरफोर्स के एक अधिकारी की माताजी की तबियत खराब हुई थी और उन्हें रक्त की आवश्कता पड़ी। उस समय उन्हें रक्तदान करते समय उनके मन में विचार आया कि अहमदाबाद जैसे शहर में जहां लोग बाहर से अपना इलाज करवाने आते हैं उन्हें रक्त की जरूरत पड़ने पर कितनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता होगा। इसी घटना से सबक लेकर गौरांग और उनके Ncc के सहयोगियों ने इस संस्था का गठन किया। ये संस्था आज तक अहमदाबाद में हजारों लोगों को रक्तदाता उपलब्ध करवा चुकी है। इस संस्था ने अहमदाबाद रेड क्रॉस सोसाइटी और गुजरात कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर 26 रक्तदान शिविर का आयोजन कर चुकी है। इस संस्था के द्वारा पिछले 13 वर्षो में हजारों लोग रक्तदान कर चुके हैं। गौरांग मिश्रा का सपना है कि एक ऐसे भारत का निर्माण हो जहा रक्तदाता, रक्तदान करने के लिए मरीज को ढूंढे न की मरीज रक्तदाता को।
इस रक्तदान के साथ साथ ये संस्था गरीब और अनाथ बच्चों के लिए भी पिछले कई सालों से काम कर रही है, जिसमे ऐसे बच्चों को प्रवास ले जाना और उन्हे खाना बाटना, किताबे बाटना और भी जरूरतमंद चीजे उन्हे उपलब्ध करवाना था। पर सितंबर 2022 में गौरांग मिश्रा के मन में ये विचार आया कि क्यों न ऐसे बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाए। इस विचार के साथ अक्टूबर 2022 में गौरांग मिश्रा ने श्रीमती सोनू कौर बमराह के साथ मिल कर सरस्वती शिक्षा संकुल की शुरुआत की। आज सरस्वती शिक्षा संकुल में इनके द्वारा 70 गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा, भोजन और शैक्षणिक सामग्री दी जाती है। इन बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए बच्चों को शिक्षा के साथ साथ उनके मानसिक विकास के लिए विविध प्रकार के कार्यक्रम किए जाते हैं। इनका सपना है की ऐसे भारत का निर्माण हो जहा कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
इसके अलावा इनकी संस्था द्वारा हर महीने 10 गरीब विधवा महिलाओं को राशन प्रदान किया जाता है ।
वे और उनकी टीम इन सभी समाजसेवा के कार्यों में सदैव तत्पर रहती है।
पूरे भारतवर्ष में से ट्रस्ट के कार्यकारिणी सदस्यों को गौरांग मिश्रा के बारे में ज्ञात होने पर उन्हें नेल्सन मंडला अंतरराष्ट्रीय गौरव पुरस्कार 2023 के लिए आमंत्रण पत्र भेजा गया। जिसे उन्होंने साहित्य से धन्यवाद देते हुए स्वीकार भी किया।